बकरी पालन प्रशिक्षण सह प्रमाण पत्र
सोम, 22 जुल॰
|बिशुनपुर
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समय और स्थान
22 जुल॰ 2024, 10:00 am IST
बिशुनपुर , बिशुन पुर, बिहार 805131, भारत
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इवेंट के बारे में
खेती के साथ-साथ पशुपालन भी देश के ग्रामीण इलाकों में आय का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है। सरकार भी किसानों को अपने स्तर पर पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। ऐसे में बकरी पालन किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि बकरी पालन बहुत कम पूंजी में भी किया जा सकता है।
बकरी के दूध में गाय और भैंस के दूध से ज़्यादा बीमारियों से लड़ने के लिए पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा, इनका मांस भी बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर बकरी के छोटे बच्चे खरीदे जाएं और दो-तीन साल बाद उन्हें बड़ा करके बेचा जाए तो मुनाफ़ा कई गुना हो जाता है। आम तौर पर बकरी का दूध बाज़ार में अच्छी कीमत पर बिकता है। लेकिन डेंगू और टाइफाइड जैसी बीमारियों में इसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है।
बकरी पालन के प्रशिक्षण का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसका प्रमाण पत्र बैंक ऋण और सरकारी/अन्य संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में भी उपयोगी होगा। प्रशिक्षण के दौरान पशुपालकों को बीमा दावों, बैंकिंग प्रणाली और वित्तीय अनुदान प्राप्त करने के बारे में भी बताया जाता है। ताकि किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय स्तर पर शायद पहली बार एनएएसपी किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र, मानपुर के सहयोग से किसानों के लिए बकरी पालन प्रशिक्षण सह प्रमाण पत्र कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।